तब एहसास हुआ किसी का हाथ है मेरे हाथ में है
जो बेसुध सी बाल बिखरे हुए खूबसूरत लग रही है वह न जाने किस ख्याल में है बस गुमसुम सी सो रही है
जो खयालों में मुझे देख रही है और रही रही है और मेरा ख्याल रख रही है
यही है वो जो जीवन की कहानी है मेरी
जी हाँ वो पत्नी है मेरी
उसके मात्र वँहा होने के एहसास नहीं मुझे रोमांच से भर दिया
सो गया दोबारा मैं यह कह कर छोड़ो बुरा सपना होगा
पर ना जाने कब वह जाग जाग गई मैं तो सो गया पर वह तब तक जगती रही जब तक उसे यकीन नहीं हो गया कि मैं सो गया
मेरे बालों में चलती उसकी उंगलियां जैसे कुछ कह रही हो मुझे
मैं हूं तुम्हारे पास यह अहसास दिला रही हो मुझे
मैं उसे जान नही पाया यही परेशान है मेरी
जी हां वो पत्नी है मेरी
फिर हर सुबह की तरह अरनिमा मेरी आंखों पर पड़ी सुबह हो गई थी पत्नी जा चुकी थी वो बिस्तर पर नहीं थी जाहिर है वह मुझसे पहले ही उठी होगी
चाय का कप लिए हाथ में वही मुझे थमा कर मुझसे बोली उठ जाइए जाइए ऑफिस भी जाना है
मेरा चाय पीने से लेकर मेरे नहाने तक मेरी टाई से लेकर मेरी जुराब तक का ध्यान वो रखती है
मैं सो रहा हूं कि जाग रहा हूं मैं कहां हूं मैं किस हालात में हूं मेरा इतना ख्याल वो रखती है
उसका ख्याल रखना जिम्मेदारी है मेरी
जी हां वो पत्नी है मेरी मेरी
मैं उसकी छोटी सी चाह पूरी ना कर पाऊँ लानत है मुझ पर उसका सजना सवरना मेरे लिए ही तो है है
वो बहुत सपने देखती है पर उसका हर सपना मेरे साथ होता है
वो माँगती तो है अपने लिए भी ईश्वर से उसका उसके बारे में सोचना मेरे बाद होता है
मैं काबिल हूं उसके या नहीं यह कभी-कभी सोच में डाल देता है
मेरा उसके भीतर उतर जाना बस एक ख्याल होता है
मेरा उसके भीतर उतर जाना बस एक ख्याल होता है
उसके लिए वफादार रहूँ यही वफादारी है मेरी
जी हां वो पत्नी है मेरी
मैं उसकी तारीफ करने से डरता हूं कहीं लोग ये न कह दें कि पत्नी का गुलाम होगा
पर एक सवाल है उनसे दिल से सोचिए तुम्हारी पत्नी में भी कुछ तो खास होगा
हां गर्व है मुझे है मुझे वो पत्नी है मेरी, उसके पिता को भी उसके बेटी होने पर नाज़ होगा
अब तो उससे वादा कर लिया है जीना भी उसके साथ और मरना भी उसके साथ होगा
वही मेरा संसार वही इनायत है मेरी
जी हां वो पत्नी है मेरी
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