• मेरी पत्नी

    अचानक से किसी बुरे सपने ने झिन झोड़कर मुझे जगा दिया तब एहसास हुआ किसी का हाथ है मेरे हाथ में है जो बेसुध सी बाल बिखरे हुए खूबसूरत लग रही है वह न जाने किस ख्याल में है बस गुमसुम सी सो रही है

  • मेरी अजनबी दोस्त

    एक दोस्त है मेरी मैं कुछ नहीं जानता उसके बारे में पर ऐसा लगता जैसे सब कुछ जानता हूं बस महज उसकी आवाज सुनी है शहद से भी मीठी सी

  • स्वागत है मेरे दिल की तंग गलियों में

    स्वागत है मेरे दिल की तंग गलियों में जरा संभाल के रखना कदम यह जगह अभी under-construction है

  • ब्रेकअप की शुरुआत

    जब बातें कम और झगड़े ज्यादा होने लगे जब उसकी आवाज कानों में चुभने लगे

  • वक़्त

    हर वक्त,वक्त के साथ चला हूँ मैं वक्त मेरे साथ चल देता तो अच्छा होता

Kavita

तुम्हें छोड़ने के डर से
पाने की चाहत नहीं रही ।

      हाँ हर निग़ाह में तुम हो
      ये आदत भी गयी नहीं ।

कब चल दिये ,किस ओर चल
दिऐ सारे हिसाब़ बही मे लिखे ।

      हर सुबह की साँझ में पल्लू
      पसारे इबादत बुदबुदा रही ।

तुम नहीं तो कुछ नहीं,माँगां कभी
नही ,पाया कभी नही,सभी ख्वाहिशों ।

      के तर्पण चढ़ा गयी,न खोने का
      भय ,न पाने की दिली जुस्तजू ।

मिल के ग़ुम हो जाओ,सहने में मुश्किल
इसलिऐ पाने की चाहत कभी रही नहीं ।
@अंकित सैनी औधयान

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